चाहे छोटा बच्चा हो या कोई जवान या कोई बुजुर्ग चाहे पुरुष हो या महिला हर एक को कभी ना कभी कब्ज नामक समस्या का सामना करना पड़ता है। So to cure constipation naturally just visit Kayakalya Nature Cure & get the best constipation treatment in Udaipur.
कब्ज का अर्थ है, जब टॉयलेट के लिए जाते हैं, तो आदत कुछ ऐसी होती है कि दो-तीन दिन में एक बार टॉयलेट जाना, टॉयलेट जाने में ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, स्टूल हार्ड होता है, बहुत देर टॉयलेट जाने के बाद पेट का साफ ना लगना, इसका अर्थ आप कब्ज नामक समस्या से ग्रसित है।
कब्ज लंबे समय से चलती आ रही होती है कुछ लोगों को 15- 20 साल या ज्यादा कुछ लोगों को जन्म से यह समस्या परेशान कर रही होती है। जिसे Chronic Constipation कहते है। जिसका इलाज तो करवाते हैं लेकिन जड़ से खत्म नहीं होती है। जैसा कि हम देखते हैं रोजमर्रा की जिंदगी इतनी भागदौड़ वाली हो गई है कि लोगों को खाने का टाइम नहीं है हर चीज में भागदौडी चल रही है। इस भागदौड़ी के चलते सबसे आम बीमारी जो रोजमर्रा में लोग फेस कर रहे हैं वह है ब्वदेजपचंजपवद।
जब हम खाना खाते हैं हमारा खाना पूरे पाचन तंत्र से होकर गुजरता है वहां से खून में जाता है जिससे हम ऊर्जा के रूप में काम लेते हैं। खाना खाने के बाद खाने का आंतो से उतरना जरूरी होता है, जब हमारे पेट और आंतों की मांस पेषिया संकुचित होती है इससे कहा जाता है Peristalsis जिससे हमारा खाना नीचे उतरता है।
अब यह खाना पेट में मिक्स होता है और लिक्विड रूप ले लेता है पेट में खाना छोटी आंत में जाता है यहां पर खाने के सारे पोषक तत्व खींचकर खून में चले जाते हैं और बचा हुआ वेस्ट जिससे बैक्टीरिया होते हैं बिना पचने वाली चीजें होती है यह चली जाती है बड़ी आंत में पानी का अवशोषण होता है और वेस्ट जो वह सॉलिड हो जाता है और यहां से वह colon और Rectum में चला है और वहां से स्टूल के रूप में बाहर निकल जाता है।
बड़ी आँत में खाना बहुत देर तक पड़ा रहता है तो पानी का अवशोषण ज्यादा हो जाता है जिससे मल ज्यादा कठोर हो जाता है और आंतो से चिपक जाता है और जब फ्रेश होने जाते हैं तो पेन होता है और क़ब्ज़ शुरू होता है।
Constipation can turn very dangerous if not treated on time so for the best constipation treatment in Udaipur visit Kayakalya Nature Cure & cure constipation naturally
कब्ज के प्रकार:
1-Chronic
२-Acute
Acute – जब अचानक किसी को कब्ज हो जाए 5-7 दिन तक टायलेट ना लगे पेट फुल जाये उसे Acute constipation कहते हैं।
कब्ज के कारण:
कुछ रोग भी कब्ज का कारण है जैसे – न्यूरोलोजिकल समस्या, पार्किंसन, डायबिटीज, थायराइड रस की कमी (Hypothyroid) ब्लड में कैल्शियम ज्यादा होना, किडनी इन्फेक्शन, ऑंतो में रुकावट, सूजन, कैंसर, लंबे समय से दवाई लेना, पेशाब बढ़ाने की दवाइयां, दर्द निवारक दवाइयां, बीपी की दवाइयां, डिप्रेशन की दवाइयां, लगातार कब्ज की दवाइयां चालू रखना, Irritated Bowel syndrome (लेट्रिन जाने में दिक्कत, पेट फूलना, पेट दर्द)।
वैसे तो Acute Constipation एक आम समस्या है ज्यादातर लोगों को एक बार होती है फिर ठीक हो जाती है, वापस नहीं होती है। तो इसमें घबराने की बात नहीं है पर फिर भी एक बार कयाकल्य नेचुरोपैथी हॉस्पिटल उदयपुर में Natural Treatment for constipation करवाए।
Chronic – अगर आप की कब्ज बहुत लंबे समय से है बार-बार हो रही है। ठीक नहीं हो रही है। ठीक होकर बार-बार दोबारा हो रही है। तो यह अच्छा लक्षण नहीं है, अगर कब्ज हुए कई दिन हो गए, स्टूल पास नहीं हो रहा हो, आपका वजन घट रहा है या स्टूल में खून आना अच्छे लक्षण नहीं है। खून की कमी, थकान, बुखार आना, पाइल्स ना होने पर भी खून आना।
कब्ज के कारण जानने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है यह देखने के लिए कि कहीं थायराइड रस (Thyroid Juice) की कमी तो नहीं, कैल्शियम ज्यादा तो नहीं, स्टूल टेस्ट करते हैं कि स्टूल में ब्लड तो नहीं, यह सब करने के बाद भी अगर कारण का पता ना चले तो एक विशेष जांच करवाई जाती है उसे Colonoscopy कहते हैं। इससे यह देखा जाता है कि कहीं बड़ी आंत में रुकावट तो नहीं क्योंकि यह रुकावट कैंसर का रूप भी ले सकती है रुकावट या कैंसर होने से भी कब्ज की शिकायत होती है।
इसमें भी कारण ना पता चले तो Colon Transit Study किया जाता है ,जिससे व्यक्ति को कैप्सूल दिया जाता है। इस कैप्सूल में Radiopaque Markers होते हैं जिससे X-Ray में देखा जाता है इस कैप्सूल को लेने के 5 दिन बाद व्यक्ति का X-Ray किया जाता है जो देखा जाता है कि कैप्सूल के जरिए जो Radiopaque Markers अंदर डाले थे वह लैट्रिन के साथ बाहर निकले या आंत में ही पड़े हैं।
अगर 5 दिन बाद भी वह नहीं निकले तो यह देखा जाता है कि वे आंत में कहां पर पड़े हैं अगर इससे भी कब्ज का कारण साफ नजर नहीं आता है तो फिर Rectal Balloon Expulsion टेस्ट किया जाता है। जिससे व्यक्ति के मलाशय में पानी से भरा बैलून डाला जाता है। शुरू में 50ml पानी उस Balloon में डाला जाता है फिर 10ml पानी उस Balloon में से कम किया जाता है और व्यक्ति को जोर लगाकर बैलून बाहर निकालने को कहा जाता है अगर वह ऐसा कर पाता है तो इसका मतलब मलदार की मसल्स कमजोर हो गई है।
मलाशय की Manometry किया जाता है। इसमें मशीन के द्वारा यह मालूम किया जाता है कि मलदार की मसल्स में क्या समस्या है, या मलदार के वाल्व में कोई समस्या है यह एक स्पेशल जांच है जिसमें कब्ज का कारण पता चल जाता है।
कब्ज के खतरे:
समाधान:
घरेलू नुस्ख़े:
योग:
हर रोज़ हम कईं तरह की बिमारियों के बारे में सुनते है व देखते हैं व इससे बचाव के उपाए ढूंढते हैं। लेकिन कुछ बिमारियों के चपेट में हम भी आ जाते है अथवा इससे छुटकारा पाने के कई इलाज भी ढूँढ़ते है व करवाते है। If you are looking to cure constipation naturally then visit Kayakalya Nature Cure and get the best constipation treatment in Udaipur.
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